Tuesday 10 October 2017

बात दिल की हमेशा सुना कीजिए


सामने   आप   मेरे   रहा   कीजिए
मुझको मुझसे न ऐसे जुदा कीजिए

है मुहब्बत अगर तो कहा कीजिए
बात दिल की हमेशा सुना कीजिए


क्या ख़ता है मेरी आप क्यूँ हैं ख़फ़ा
गर गिला हो कोई तो कहा कीजिए

कब बदल जाए नीयत किसी की यहाँ
हर किसी से न  हँस के मिला कीजिए

मैंने अहसास दिल का बयाँ कर दिया
यूँ  न  हैरत से मुझको  तका कीजिए
 



© हिमकर श्याम

(चित्र गूगल से साभार)